राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक शहरों में से, पुष्कर एक सबसे अद्भुत एवं सुन्दर शहर है| प्राचीन काल से पुषकर एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जिसका उल्लेख इतिहास की कई कथाओं में किया गया है| यह शहर भारत की उन जगहों में से एक है जहा पर ब्रह्मा मंदिर स्थित है| और यही कारण है की पुषकर को एक बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल कहा जाता है| जगतपिता ब्रह्मा भगवान को समर्पित किया गया ब्रह्मा मंदिर इस पूरे शहर को संबोधित करता है और इसी कारण वर्ष इसे रजाशतं के प्रमुख पर्यटन जगहों में से एक माना जाता है|
ब्रह्मा मंदिर -
इस मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में किया गया था, जबकि भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर की उत्पत्ति २००० साल पहले ही हो चुकी थी| पवित्र पुष्कर झील के पास बसा यह मंदिर राजस्थान के उन कुछ पर्यटक स्थलों में से एक है जिन्हे पर्यटक हर साल दूर दूर से देखने आते है| पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण करने के लिए पुष्कर घाट के पास एक यज्ञ आयोजित किया था| पुष्कर तीर्थ की एक खास बात यह है की यहाँ पर 500 से अधिक छोटे बड़े मंदिर है जो इसे बाकि अन्य तीर्थ स्थानों से अलग करता है| जिस स्थान पर ब्रह्मा जी ने यज्ञ किया था, उसी जगह पर उन्होंने जल प्राप्त करने के लिए एक पवित्र सरोवर का निर्माण किया था जो की आज पुष्कर सरोवर के नाम से जाना जाता है| सभी तीर्थो में से सर्वप्रथम पुष्कर तीर्थ को माना गया था जिस कारण पुष्कर तीर्थ को तीर्थराज भी कहा जाता है| हिन्दू धर्म के मुताबिक पुष्कर ब्रह्मा मंदिर को सबसे प्रमुख तीर्थ माना जाता है|
इस यज्ञ का आयोजन में सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया गया था, एवं पूजा के दौरान ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री जी की उपस्थिति अहम थी| परंतु किसी कारणवश वह समय पर उपस्थित ना हो सकी| इस पूजा की महत्वता को मायने रखते हुए ब्रह्मा जी ने गायत्री देवी को प्रकट किया और उनसे विवाह करके अपने यज्ञ को सम्पूर्ण किया| यह देख के सावित्री देवी अत्यंत क्रोधित हो गई और उन्होंने ब्रह्मा जी को श्राप दिया की किसी भी स्थान पर ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाएगी| कुछ देर बाद जब सरस्वती देवी का क्रोध शांत हुआ, तब उन्होंने अपने श्राप संशोधन करते हुए कहा कि ब्रह्मा जी की पूजा सिर्फ पुष्कर में ही होगी| तब से लेके आज तक ब्रह्मा जी की पूजा सिर्फ पुष्कर में ही की जाती है|
इतिहास -पुष्कर का इतिहास हमेशा की तरह रोमांचक रहा है| हालांकि ब्रह्मा मंदिर का निर्माण कब और किसने किया था यह ज्ञात नहीं है परन्तु इसकी उत्पत्ति २००० साल पहले किसी अरण्य वंश के राजा ने किया था| मुग़ल काल में मुस्लिम शासकों द्वारा प्रसिद्द ब्रह्मा मंदिर एवं पुष्कर के अन्य मंदिरों को कई बार नष्ट किया गया था| हालांकि इन सभी मंदिरो ने बाद में ब्रह्मा मंदिर का निर्माण किया| ब्रह्मा मंदिर को 8 वि शताब्दी में हिन्दू दार्शनिक आदि शंकर द्वारा और बाद में महाराजा जाट राज के समय में बनाया गया था|
ब्रह्मा मंदिर के खुलने और बंद होने का समय -
सर्दियों में - सुबह 6:30 से संध्या 8:30 बजे
गर्मियों में - सुबह 6:00 से संध्या 9:00 बजे
पुष्कर एक बेहद प्रसिद्ध आध्यात्मिक शहर होने के साथ साथ एक बेहतरीन पर्यटन स्थल भी है जहां धार्मिक परम्पराओं के साथ आप अन्य दिलचस्प चीजों का लाभ उठा सकते है| फिर चाहे वो ऊँट की सवारी हो या पुष्कर मेले के रंगीन जलसे, पुष्कर में आपकी यात्रा बेहद यादगार साबित हो सकती है| तो देर किस बात की है, आज ही बुक करें अपना Pushkar Tour Package और इसके हर रंग में डूब जाओ|
.